Childhood Memories
Overview
What are your best childhood memories? I am sure that for most of us the list would be pretty long. Childhood indeed is the precious time of our life. I think no matter how successful and happy we are as a grown-up, we always find our childhood days the best. There is nothing more beautiful than our childhood memories. And whenever these memories cross our mind they always leave a sweet smile on our face.
This is particularly true when we become a parent and watch our kids growing up in front of us. With our kids around, the trip down the childhood memory lane becomes even more frequent.
Here I have tried to express some beautiful memories of childhood that we all can relate through my Hindi poem. I hope you will enjoy reading and it will take you back to your enchanted land of childhood again.
Also, read my other Hindi poems Small Pleasures of Life and Never Stop Dreaming.
बचपन की यादें
यादें बचपन की हैं सबसे मीठी यादें,
क़द था तब छोटा पर बुलंद थे इरादे।
ना फ़िक्र थी ना था दिन रात का हिसाब,
ना कोई पूछता था सवाल और ना देने होते थे जवाब।
खिलौने थे और थी दादी-नानी की कहानियाँ,
कैसे भूल जायें बचपन का वो भोलापन और नादानियाँ।
उछल कूद करना और दौड़ना घर में नंगे पाँव,
भीगना बारिश में और वो छोटी सी काग़ज़ की नाँव।
जब दुनिया के बोझ तले थक, मन खोजता है सहारा,
तब खोलती हूँ धीरे से बचपन की यादों का पिटारा।
दिखती है फिर से वो चोटी सी खिलौनों की दुनिया,
वो बिना बात हँसना, रोना और ढेरों शैतानियाँ।
तब मन था सरल, सच्चा और लगता था सब कुछ अच्छा,
क्या दिन थे वो जब एक ज़िद पर पूरी होती थी हर इच्छा।
खेल-खिलौनों, हँसी-मज़ाक़ में बसती थी हमारी जान,
तब कोमल मन था दुनिया की भागदौड़ से एकदम अनजान।
अच्छा होता अगर हम लौट सकते अल्हड़ बचपन में,
कह सकते ज़िंदगी से कि ले चल हमें उस नादान लड़कपन में।
फिर देखती हूँ अपने बच्चों को ख़िलौनो से खेलता, हँसता और रोता,
और अहसास होता है की ये तो है बचपन फिर से मेरे सामने गिरता और संभलता।